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2 Women Enter Sabarimala, Temple Reopens After Purification

सबरीमाला में महिलाओं के प्रवेश से मचा बवाल, एक की मौत, केरल भी बंद


Sabarimala Temple
2 Women Enter Sabarimala, Temple Reopens After Purification

NEWS HIGHLIGHTS

  • मंदिर में प्रवेश करने वाली 40 वर्ष की हैं दोनों महिलाएं भगवान अयप्पा दर्शन के बाद हुआ प्रदर्शन फिलहाल इस मामले पर नहीं होगी जल्द सुनावई

केरल के सबरीमाला मंदिर में सैकड़ों साल से चली आ रही परंपरा को बुधवार देर रात दो महिलाओं ने तोड़ दिया। बता दें कि परंपरा के मुताबिक 'प्रतिबंधित आयु वर्ग' की महिलाएं मंदिर में प्रवेश नहीं कर सकतीं। हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने इस संबंध में आदेश दे दिए थे, लेकिन आदेश के तीन महीने से अधिक समय बीत जाने के बावजूद मंदिर में महिलाओं का प्रवेश संभव नहीं हो पा रहा था। वहीं बिंदु और कनकदुर्गा नाम की दो महिलाओं ने लगातार कोशिश से सबरीमाला मंदिर में भगवान अयप्पा के दर्शन किए।

पहले भी की कोशिश करीब 40 वर्ष की इन दो महिलाओं ने इससे पहले 24 दिसंबर को भी मंदिर में प्रवेश की कोशिश की थी, लेकिन भारी विरोध की वजह से उन्हें पवापस लौटना पड़ा था। इसके बाद महिलाओं ने एक बार फिर से कोशिश की और बुधवार तड़के मंदिर में पहुंचकर भगवान के दर्शन किए। हालांकि इसके बाद से यहां बवाल मच गया है।

प्रदर्शन में एक की मौत एक ओर जहां सरकार महिलओं के पक्ष में खड़ी है तो वहीं मंदिर समिति इसके खिलाफ है। ऐसे में जब दोनों महिलाओं ने मंदिर में प्रवेश किया तो इसके बाद ही प्रदर्शन शुरु हो गया। इस दौरान सीपीआईएम और भाजपा कार्यकर्ताओं के बीच झड़प भी हुई, जिसमें 55 वर्ष के बरीमाला कर्म समिति के एक कार्यकर्ता की मौत हो गई। गुरुवार को केरल भी बंद है, और जगह जगह हिंसक प्रदर्शन हो रहे हैं।

फैसले का करें इंतजार सबरीमाला मदिर के इस मुद्दे पर केरल से कांग्रेस के सांसदों ने भी गांधी मूर्ति के पास प्रदर्शन किया। इस पर शशि थरूर ने कहा कि सीपीएम और बीजेपी को ऐसा नहीं करना चाहिए। उन्होंने कहा कि इस मुद्दे पर सीपीएम और बीजेपी जो कर रही हैं, वह ठीक नहीं है, उन्हें कोट के अंतिम फैसले का इंतजार करना चाहिए।

नहीं होगी जल्द सुनावई फिलहाल सबरीमला मंदिर के इस मामले में दाखिल अदालत की अवमानना याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने जल्द सुनवाई से इनकार कर दिया है। आपको बता दें कि दो महिलाओं के प्रवेश के बाद शुद्धिकरण के लिए मंदिर को बंद करने के खिलाफ याचिका दाखिल की गई थी। इस पर सुप्रीम कोर्ट में चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने कहा कि 22 जनवरी को पुनर्विचार याचिकाओं पर भी  सुनवाई होनी है। चीफ जस्टिस ने कहा कि इसके लिए अलग से बेंच बनाना मुश्किल है।

ऐसे किया मंदिर में प्रवेश बता दें कि दोनों महिलाओं ने 24 दिसंबर को मंदिर में प्रवेश की कोशिश की और विरोध के बाद उन्हें लौटना पड़ा। इस असफल कोशिश के बाद दोनों महिलाओं को पथानामथिट्टा जिले से बाहर ले जाया गया। इन महिलाओं को पुलिस निगरानी में ही रखा गया था, पुलिस सूत्रों की मानें तो महिलाओं ने मंदिर में जाने को लेकर क​हा कि पुलिस सर्वोच्च अदालत के आदेश का सम्मान नहीं कर रही है। दोनों महिलाओं ने कहा कि परिणाम के लिए वे तैयार हैं, लेकिन उन्हें मंदिर जाने दिया जाए।

पुलिस सूत्रों के अनुसार महिलाओं को बताया गया था कि उन्हें रात 11 से तड़के 3:30 बजे के बीच मंदिर ले जाया जाएगा। सीएम और डीजीपी को पुलिस ने इस बात की जानकारी दी। टॉप अथॉरिटी की अनुमति मिलने के बाद दोनों महिलाओं को मंदिर में प्रवेश के लिए मिशन की शुरुआत हुई। यह मिशन कामयाम हुआ और दोनों महिलाओं ने बुधवार तड़के 3:30 बजे भगवान अयप्पा का दर्शन किया। इस दौरान काले कपड़ों में 6 पुलिस जवान भी महिलाओं के साथ थे। हालांकि सैकड़ों वर्ष पुरानी मंदिर की परंपरा टूटने के बाद दोनों महिलाओं को लगातार धमकियां मिल रही हैं। ऐसे में उनकी सुरक्षा अहम है, पुलिस सूत्रों के मुताबिक फिलहाल जब तक पूरा मामला शांत नहीं हो जाता, महिलाओं को पुलिस की सुरक्षा में ही रखा जाएगा। Source: Bhaskarhindi.com

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