#शंकराचार्यजयंती: आदि गुरु ने 2 वर्ष की आयु में कंठस्थ कर लिए थे सारे वेद
वैशाख मास का हिंदूधर्म में अत्यंत महत्व है। बता दें कि वैशाख माह में शुक्ल पक्ष की तृतीया को #आदिगुरुशंकराचार्य की जयंती मनाई जाती है, जो कि आज देशभर में मनाई जा रही है। सनातन धर्म के अनुयायी उन्हें भगवान शिव का अवतार मानते थे। 7 वर्ष की आयु में सन्यास लेने वाले शंकराचार्य ने मात्र 2 वर्ष की आयु में सारे वेदों, उपनिषद, रामायण, महाभारत को कंठस्थ कर लिया था। शंकराचार्य केरल के रहने वाले थे, पर इनका कार्यक्षेत्र उत्तर भारत रहा, इसके बाद इन्होंने चारों दिशाओं में अपने चार मठ की स्थापना की और अपने विचारों को पूरे भारत तक पहुंचाया। शंकराचार्य ऐसे सन्यासी थे जिन्होंने गृहस्थ जीवन त्याग ने के बाद भी अपनी मां का अंतिम संस्कार किया।
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