इस कारण से किया जाता है गरबा, 70 वर्ष पुराना है इसका इतिहास
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भारतीय लोगों की किसी भी धार्मिक पर्व या त्यौहार को लेकर कुछ न कुछ विशेषता निश्चित ही होती है। फिर चाहे वो त्यौहार किसी भी धर्म, जाति या सम्प्रदाय से संबंध क्यों न रखते हों लेकिन सभी के बीच एक समानता का भाव अवश्य ही होता है। कोई भी पर्व या त्यौहार अपने अतीत के आधार पर ही मनाया जाता है, उनके अतीत से ही पर्व की सत्यता एवं महत्व का पता चलता है। साथ ही प्रदेश या क्षेत्रों के अनुसार भी लोग त्यौहारों को कुछ ऐसे रिवाजों से जोड़ देते हैं, जो एक बार शुरू हो जाए तो सदियों तक धर्म नीति का रूप धारण कर लेते हैं। उदाहरण के अनुसार नवरात्रि का पर्व शक्ति का पर्व माना जाता है, इन नौ दिनों में माता के नौ अलग-अलग रूपों की पूजा, अर्चना या साधना की जाती है। पूजा-साधना के साथ ही प्रसन्नता प्रकट करने का चलन चल पड़ा है, जिसे गरबा कहा जाता है।
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