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Magh month was known as madh month which is related to krishna

ऐसी है माघ माह की महिमा, रोज स्नान से मिलेंगे ये फायदे


magh month
magh month was known as madh month which is related to krishna

NEWS HIGHLIGHTS

  • माघ महीने को पहले माध के नाम से जाना जाता था माध शब्द का संबंध भगवान श्री कृष्णा से है इस महीने को अत्यंत पवित्र माना जाता है

माघ का महीना पहले माध का महीना था, जो बाद में माघ हो गया "माध" शब्द का सम्बन्ध श्री कृष्ण के एक स्वरुप "माधव" से है। इस महीने को अत्यंत पवित्र माना जाता है। माघ महीने में ढेर सारे धार्मिक पर्व आते हैं, साथ ही प्रकृति भी अनुकूल होने लगती है। इस माह में संगम पर "कल्पवास" भी किया जाता है जिससे व्यक्ति शरीर और आत्मा से नया हो जाता है। इस बार माघ का महीना 21 जनवरी से 19 फरवरी 2019 तक रहेगा। धार्मिक दृष्टिकोण से माघ मास का बहुत अधिक महत्व है। भारतीय संवत्सर का ग्यारहवां चन्द्रमास और दसवां सौरमास माघ कहलाता है। इस महीने में मघा नक्षत्रयुक्त पूर्णिमा होने से इसका नाम माघ पड़ा। इस महीने ठंडे पानी के अंदर डुबकी लगाने वाले मनुष्य पापमुक्त हो कर स्वर्ग में जाते हैं।

 

'माघे निमग्नाः सलिले सुशीते विमुक्तपापास्त्रिदिवं प्रयान्ति।'

पद्मपुराण में माघ मास के माहात्म्य का वर्णन करते हुए कहा गया है कि पूजा करने से भी भगवान श्रीहरि को उतनी प्रसन्नता नहीं होती, जितनी कि माघ महीने में स्नान मात्र से होती है। इसलिए सभी पापों से मुक्ति और भगवान वासुदेव की प्रीति प्राप्त करने के लिए प्रत्येक मनुष्य को माघ स्नान करना चाहिए।

'प्रीतये वासुदेवस्य सर्वपापानुत्तये। माघ स्नानं प्रकुर्वीत स्वर्गलाभाय मानवः॥'

माघ मास में पूर्णिमा को जो व्यक्ति ब्रह्मावैवर्तपुराण का दान करता है, उसे ब्रह्मलोक की प्राप्ति होती है। यहां ध्यान देने योग्य बात यह है कि माघ में ब्रह्मवैवर्तपुराण की कथा सुननी चाहिए यह संभव न हो सके तो माघ महात्म्य अवश्य सुनें। अतः इस मास में स्नान, दान, उपवास और भगवान माधव की पूजा अत्यंत फलदायी होती है।

माघ मास की अमावास्या को प्रयाग राज में स्नान से अनंत पुण्य प्राप्त होते हैं।  वह सब पापों से मुक्त होकर स्वर्ग में जाता है। महाभारत में आया है माघ मास में जो तपस्वियों को तिल दान करता है, वह नरक का दर्शन नहीं करता। माघ मास की द्वादशी तिथि को दिन-रात उपवास करके भगवान माधव की पूजा करने से उपासक को राजसूर्य यज्ञ का फल प्राप्त होता है। अतः इस प्रकार माघ स्नान की अपूर्व महिमा है।

माघ के महीने में खान पान और जीवनचर्या में क्या बदलाव करने चाहिए?

इस महीने गर्म पानी को धीरे धीरे छोड़कर साधारण पानी से नहाना चाहिए। सुबह देर तक सोना और नहीं नहाना अब स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होगा। माघ के महीने में भारी भोजन छोड़कर हलके भोजन करना चाहिए। साथ ही इस महीने तिल और गुड़ का प्रयोग विशेष लाभकारी होता है। बताया जाता है कि इस महीने अगर केवल एक समय भोजन किया जाय तो आरोग्य और एकाग्रता की प्राप्ति होती है।

माघ के महीने में सुख शांति और समृद्धि के लिए कैसे पूजा उपासना करें?

प्रतिदिन प्रातः भगवान् कृष्ण को पीले फूल और पंचामृत अर्पित करें। इसके बाद "मधुराष्टक" का पाठ करें या फिर नीचे दिए मंत्र का जाप करें।

"श्री माधव दया सिंधो भक्तकामप्रवर्षण। माघ स्नानव्रतं मेऽद्य सफलं कुरु ते नमः॥"

उसके बाद हर दिन किसी निर्धन व्यक्ति को भोजन कराएं सम्भव हो तो एक ही समय भोजन करें। Source: Bhaskarhindi.com

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