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Makar Sankranti festival will celebrate on 15th January this year

  • Writer: Dainik Bhaskar Hindi
    Dainik Bhaskar Hindi
  • Jan 14, 2019
  • 2 min read

मकर संक्रांति 15 को, यहां जानिए सही तिथि और शुभ मुहूर्त


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Makar Sankranti festival will celebrate on 15th January this year

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  • 15 जनवरी को मनाई जाएगी मकर संक्रांति 15 जनवरी को सूर्योदय से दोपहर तक स्नान, दान कर सकेंगे मकर संक्रांति पर्व का निर्धारण सूर्य की गति के अनुसार होता है

भगवान सूर्य को समर्पित मकर संक्रांति के पर्व की तिथि और मुहुर्त को लेकर भ्रम है। यह पर्व लगभग 14 जनवरी को मनाया जाता है, परन्तु इस बार यह पर्व 15 जनवरी को मनाया जाएगा। 15 जनवरी को सूर्योदय काल में सूर्य देव मकर राशि में स्थित होंगे, जिससे शास्त्रानुसार उदयकालीन तिथि की मान्यता के अनुसार 15 जनवरी को सूर्योदय से दोपहर तक स्नान, दान किया जाना पुण्यकारी रहेगा।

सनातन धर्म में जब भगवान सूर्यदेव एक राशि से दूसरी राशि में प्रवेश करते हैं, तो इसे सूर्य संक्रमण काल या इसे संक्रांति कहा जाता है। संक्रांति का नामकरण उस राशि से होता है, जिस राशि में सूर्यदेव प्रवेश करते हैं। मकर संक्रांति के दिन सूर्यदेव धनु राशि से शनि की राशि मकर में प्रवेश करते हैं। मकर संक्रांति पर्व का निर्धारण सूर्य की गति के अनुसार होता है।

लगभग हर वर्ष 14 जनवरी को ही सूर्यदेव अपनी कक्षा से परिवर्तित होकर दक्षिणायन से उत्तरायण हो मकर राशि में प्रवेश करते हैं, लेकिन इस बार यह पर्व 14 जनवरी के बजाए 15 जनवरी को मनाया जाएगा। इस वर्ष सूर्य 14 जनवरी को दोपहर 2 बजकर 20 मिनिट से मकर राशि में प्रवेश करेंगे। इसलिए उदय कालीन अपनी राशि परिवर्तन और अपनी कक्षा का परिवर्तन अगले दिन से यानि 15 जनवरी को मना जाएगा।

मान्यता है कि सूर्य का मकर राशि में प्रवेश दोपहर, संध्या या रात्रि को हो तो इस स्थिति में पुण्यकाल अगले दिन स्थानांतरित हो जाता है। शास्त्रों में उदय काल (सूर्योदय) को ही महत्व दिया गया है। ऐसे में उदयकालीन तिथि की मान्यता के अनुसार 15 जनवरी को ही सूर्योदय से लेकर दोपहर 2:20 बजे तक मकर संक्रांति पर्व का पुण्य काल रहेगा। इस दिन गंगा स्नान, तीर्थ स्थल,पवित्र नदी और संगम तटों पर स्नान-दान करने से पुण्य लाभ अर्जित होता है।

सूर्य के उत्तरायण होने से मानव की कार्यक्षमता में वृद्धि होती है। उदयकालीन तिथि के अनुसार 15 जनवरी को ही सूर्योदय काल से दोपहर 2:20 बजे तक मकर संक्रांति के पुण्य काल में स्नान दान किया जाना लाभदायक रहेगा है।

इस दिन भगवान सूर्यदेव धनु राशि को छोड़ कर मकर राशि में प्रवेश करते हैं। शास्त्रों में उत्तरायण की अवधि को देवताओं का दिन और दक्षिणायन को देवताओं की रात की रात के माना जाता है। मकर सक्रांति के दिन गंगा स्नान, दान, तप, जप, आदि का अत्यधिक महत्व है। शास्त्रों के अनुसार इस अवसर पर किया गया दान सौ गुना होकर प्राप्त हो कर मिलता है। इस दिन घी, कंबल, तिल, चावल के दान का बहुत विशेष महत्व होता है। Source: Bhaskarhindi.com

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