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Shraddh: The person whose death date is not known, Shraddh him on this day

श्राद्ध: जिस व्यक्ति की मृत्यु तिथि नहीं पता, उसका इस दिन करें श्राद्ध




पितृपक्ष यानी पितरों की पूजा का पक्ष। भाद्रपद शुक्ल पूर्णिमा से आश्विन कृष्ण अमावस्या तक सोलह दिनों को पितृपक्ष कहा जाता है। हिंदू धर्म में देवी-देवताओं के समान ही पितरों को महत्व दिया गया है। गरुड़ पुराण और कठोपनिषद् के अनुसार पितृगण देवताओं के समान ही वरदान और शाप देने की क्षमता रखते हैं। इनकी प्रसन्नता से परिवार की उन्नति होती और नाराजगी से परिवार निरंतर परेशानियों में रहता है। शास्त्रों में मनुष्यों पर उत्पन्न होते ही तीन ऋण बताए गए हैं- देव ऋण, ऋषिऋण और पितृऋण। श्राद्ध के द्वारा पितृऋण से निवृत्ति प्राप्त होती है।


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